कविता – जीवन एक इम्तिहान
जीवन केवल एक सफर नहीं,
इम्तिहान भी है….
हर मोड़ पर आता है यहाँ
नया मुकाम ही है…
है केवल आशियाना नहीं
फूलों के साथ हैं काँटे भी …
निर्भर करता है मंजिल क्या
देखना है पीछे या जाना आगे ही ..
हौंसले बुलंद हो मन में जो
पाषाणों में भी पुष्प उग जाएँ
मन में नेक इरादा हो तो
कंटकों में भी खुशबू आ जाए
अपना लो कोमल पुष्पों को भी
काँटों को भी भर लो दामन में
सब कुछ रचाया है भगवान ने
हर चीज देती पैगाम ही है…….
— डॉ सोनिया गुप्ता