मोदी के नाम खत-
केंद्रीय सरकार द्वारा प्रत्याभूत मुद्रा का समय-समय पर परिवर्तन होना यथार्त मुद्रा का चलन मुद्रा स्फूर्ति ही देश के विकास का प्रमुख कारक है। कालाबज़ारियों पर अंकुश लगाना जाली नोट को रोकना, रुपया का प्रत्यक्ष लेनदेन कम मात्रा में करें चेक, आनलाईन, आर टीजीएस, एन ईएफ़ टी, डी डी आदि उपक्रमो का उपयोग कर देश के विकास में महती योगदान दें। सरकार को कुछ अंतराल पर पुरानी मुद्रा को बंद कर नई मुद्रा का प्रचलन करते रहना चाहिए। बहुत कारोबारी कैश पर ज़्यादा बल देते हैं उन पर सरकार को सदैव अंकुश रखना चाहिए, चेक, स्कैच कार्ड के माध्यम से लेन देन करने पर सरकार द्वारा लागू उचित कर जमा करने में सहायक होता है।
सरकार को ऐसी नीति या व्यवस्था लागू करनी चाहिए एक चालू खाता से दिन में मात्र दस से बीस हज़ार, बचत खाता से ५ से १० हज़ार से ज़्यादा नकद निकासी न हो सके, माह में बचत ख़ाता से बीस हज़ार से ज़्यादा नकद मासिक निकासी न हो, चालू खाते की नकद मासिक निकासी मात्र ५० से ७५ हज़ार हो, प्रत्येक दुकान पर स्विप मशीनें हो, ज़्यादा मात्रा में नोट बाजार में न हों इसके माध्यम से सरकार के साथ-साथ जनता भी खुशहाल होगी। कैश की माँग अत्यधिक मात्रा में करने वालों पर उचित कार्यवाही हो, हर बड़ी दुकान, माल, प्रतिष्ठान कैमरा की नज़र में हों हर दुकान के कैश का लेन देन सरकार द्वरा गठित किसी विशेष कमेटी द्वरा मूल्यांकन हो, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ऐसे बोर्ड बनाए जायं, जो किसी विशेष प्रक्रिया को फालो करें। सरकार द्वरा प्राधिकृत अधिकारी की सेवाएँ एरिया का निर्धारण न करती हों, स्वच्छ भारत सुंदर भारत हो विकसित भारत, जाँच अधिकारी का मूल्यांकन किसी कोर कमेटी द्वारा एकल संक्रमणीय व्यवस्था के अनुसार करें।
— राजकिशोर मिश्र ‘राज प्रतापगढ़ी’