कविता

तू

कैसे समझाउं की तू अलग है सबसे
बिल्कुल निराली है तू इस जग से ।
तेरी आंखों में गजब सा नशा है
तेरी बातों में एक अजब सा मजा है ।
तेरे लहराते बालों में खुमारी है
जग में तू सबसे प्यारी है ।

झील सी तेरी आंखें सूरज की किरणें समेटे हैं
चेहरे पे जैसे तुमने चांदनी लपेटे हैं ।
गुलाब की पंखुरियों से लब तेरे
प्यार की मदिरा से भरे हैं ।

तू अलग है ,अलबेली है
तू तितलीयों की सहेली है ।
प्रकृति की धड़कन है
सौन्दर्य का दर्पन है ।
तुझपे हजारों कविताएं लिख जाएं
तुझे पाने को हम खुद बिक जाएं ।
तू इतनी भोली तू इतनी प्यारी है,
शायद तू परियों की राजकुमारी है ।।

— मुकेश सिंह
सिलापथार,असम
09706838045

मुकेश सिंह

परिचय: अपनी पसंद को लेखनी बनाने वाले मुकेश सिंह असम के सिलापथार में बसे हुए हैंl आपका जन्म १९८८ में हुआ हैl शिक्षा स्नातक(राजनीति विज्ञान) है और अब तक विभिन्न राष्ट्रीय-प्रादेशिक पत्र-पत्रिकाओं में अस्सी से अधिक कविताएं व अनेक लेख प्रकाशित हुए हैंl तीन ई-बुक्स भी प्रकाशित हुई हैं। आप अलग-अलग मुद्दों पर कलम चलाते रहते हैंl