राजनीति

हम सब मोदी जी के साथ हैं !

यह हमारे देश का सौभाग्य है कि हमें मोदी जी जैसा प्रधानमंत्री प्राप्त हुआ है, जो प्राणपण से अपने दिन-रात एक करता हुआ देश को विकास के उच्चतम शिखर पर पहुँचाने के लिए जुटा हुआ है. इसके मार्ग में उनको बहुतों की नाराजगी मोल लेनी पड़ी है, यहाँ तक कि अपनों की भी बेरुखी या आलोचना सहनी पड़ी है, परन्तु वे अपने ध्येय से लेशमात्र भी विचलित नहीं हुए.naren-modi-ji

अज देश की अनपढ़ जनता भी समझ गयी है कि यही एक ऐसा नेता है जो उनके आर्थिक सामाजिक और सर्वतोमुखी विकास के लिए लगा हुआ है. जिस पर पूरे मन से विश्वास किया जा सकता है और जिसका अपना कोई स्वार्थ नहीं है. मोदी जी ने जनता का यह प्यार किसी झूठे वायदे या सब्जबाग दिखाकर नहीं पाया, जैसा कि अन्य अनेक नेता लोग मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त लैपटॉप, फ्री wifi या मुफ्त झुनझुना देने के वायदे करके चुनाव जीतते हैं और फिर जीतते ही उनको या तो पूरी तरह भूल जाते हैं या दो-चार को बांटकर अपना वायदा पूरा हुआ मान लेते हैं.

याद कीजिये कि मोदी जी ने अपनी सभी चुनाव सभाओं में स्पष्ट कहा था कि मैं आपको मुफ्त में कुछ नहीं दूंगा, बल्कि आपको ऐसा बना दूंगा कि आपको मुफ्त में कुछ लेने की जरूरत ही न पड़े, बल्कि आप ही दूसरों को देने के योग्य बन जाएँ. मोदी जी आज भी अपने इस वचन को पूरा करने में लगे हुए हैं.

मोदी जी का एक एक कदम, एक एक योजना उसी दिशा में चल रही है- पहले सबका आधार कार्ड बनवाना, फिर सबका जन-धन खाता खुलवाना, फिर सभी तरह की सब्सिडी उन खातों के माध्यम से बांटकर बिचौलियों की लूट ख़त्म करना, अनेक सामाजिक सुरक्षा योजनाये प्रारंभ करना, आदि आदि. इसी कड़ी में उन्होंने अब काले धन पर प्रहार किया है, क्योंकि वे जानते हैं कि जब तक काला धन पूरी तरह समाप्त नहीं होगा, तब तक उनकी योजनाओं का लाभ जन साधारण तक नहीं पहुंचेगा.

पांच सौ और एक हज़ार के नोट बंद करके मोदी जी ने इस काले धन की अर्थव्यवस्था पर मर्मान्तक प्रहार किया है. इससे वे ताकतें बौखला गयी हैं जिनका पूरा धंधा और राजनीति काले धन के बल पर ही चलती है. जैसा कि मोदी जी ने स्वयं एक सभा में संकेत दिया है कि वे लोग मोदी जी की जान के ग्राहक बन गए हैं और उनके प्राण लेने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं.

ऐसी स्थिति में हमारी जिम्मेदारी बहुत अधिक बढ़ जाती है. इस विषम समय में हमें पूरे तन-मन-धन से मोदी जी के समर्थन में डट जाने की आवश्यकता है. हो सकता है कि अपना काला धन समाप्त हो जाने से बहुत से ऐसे मतदाता मोदी जी से नाराज हो जाएँ जिन्होंने अभी तक उनको मत दिया था और समर्थन किया था, फिर भी हमें किसी भी हालत में मोदी जी का साथ नहीं छोड़ना है.

आइये प्रतिज्ञा करें कि चाहे कुछ भी हो जाये, अपने धन की अंतिम पाई तक, अपने शरीर में खून की अंतिम बूँद तक, और अपने जीवन की अंतिम सांस तक हम मोदी जी के साथ रहेंगे. याद रखिये कि यदि इस बार मोदी जी हमारे समर्थन के अभाव में असफल हो गए, तो फिर अगले सैकड़ों साल तक इस देश को सही दिशा देने वाला कोई नेता पैदा नहीं होगा.

इसलिए हम सब मोदी जी के साथ हैं. जय श्री राम ! नमो नमो !!

विजय कुमार सिंघल
मार्गशीर्ष कृ. 3, सं. 2073 (17 नवम्बर, 2016)

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: [email protected], प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- [email protected], [email protected]