कविता

कविता : टूटे मर्यादा…

टूटे मर्यादा… दिन – रैना
क्यों “रामा” अब तेरे देश में !
रिश्तों में धोखा… इंसा दे रहा
आदमी के भेष में !!

मुरली की धुन पर… नाचे राधा
समझ जिसे अपना कृष्णा !
वही कृष्णा दे है, राधा को धोखा
तृप्त करे मन की तृष्णा !!

ले नव अवतार, आ जाऔ फिर से
“ऐ भगवन” मेरे देश में !
न कोई दे … किसी को धोखा
मित्रता या किसी द्वेष में !!

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed