परिणिति
पंडितजी ने दो माह पूर्व का शुभ मुहूर्त निकाला. इससे पहले कोई तिथि शुभ नही थी. किंतु सुहास को पंद्रह दिनों में विदेश जाना था. उससे पूर्व ही वह विवाह करना चाहता था. उसने कहा कि वह मुहूर्त वगैरह में यकीन नही करता. लेकिन रश्मी के पिता यात्रा भी मुहूर्त देख कर करते थे. विवाह नही हो पाया. बाद में शुभ मुहूर्त पर हुई उसकी शादी की परिणिति संबंध विच्छेद के रूप में हुई.