विश्वास
विश्वास पर टिकी है दूनियां,
या विश्वास टिका है दूनियां पर ।
जहाँ करो विश्वास,
वहीं विश्वासघात होता है ।
हर किसी के चेहरे पर,
एक झूठ का मुखौटा है ।
यहाँ कौन किसे पहचानता ?
असल में सब अनजान है ।
शूल छिपे है फूल के पीछे,
यह दूनियां एक भ्रमजाल है ।
छल कपट अब आम हो गया,
सज्जन भी बदनाम हो गया ।
सतर्क रहो हरदम यहाँ,
अय्यार घात लगाये बैठे ।
यहाँ हरकदम पर है धोखे,
विश्वसनीय तो विरले ही होंगे ।