मेरी शिक्षा
आज शिक्षा का स्तर
इतना उच्च हो रहा है ,
चाहे न जानता हो
नाम लिखना –
पर ? हर बच्चा दसवीं
पास हो रहा है।
ग्यारहवीं की परीक्षा तो
बाएं हाथ का खेल है,
खाली कापी में भी
पास हो रहा हैं।
गर उतार दिया प्रश्न पत्र
तो प्रथम आना तो
स्वाभाविक हैं ।
उत्तर लिखना अनिवार्य
नहीं रह गया है,
सिर्फ प्रश्नों से ही
काम हो रहा है ।
आज शिक्षा का स्तर
इतना उच्च हो रहा है ।
आगे की परीक्षाएं भी
मुस्कुरा कर दी जाती हैं ,
चैकिंग का हाल- बेहाल हो रहा है।
कितने विषय. ? पढ़ रहा है विद्यार्थी
चाहे न हो ज्ञान इसका
पर टॉप कर रहा है ।
मेरी शिक्षा का स्तर
आसमान छू रहा है ।
देश की नींव है शिक्षा
भवन डगमगा रहा है
पर देश का हर व्यक्ति
शिक्षित हो रहा है।
रीड़ की हड्डी में
घाव हो रहा है।
पर मेरा देश
खड़ा हो रहा है।
चरमरा कर टूटेगी जिस दिन
नहीं खड़े हो सकोगे
अपने कोमल पैरों पर
लड़खड़ा कर गर्त मैं गिरोगे
क्योंकि मेरी शिक्षा का स्तर
आज आसमान छू रहा है ।
— निशा नंदिनी गुप्ता, तिनसुकिया, असम