सामाजिक

नामकरण

भारत धान की स्पेशल प्रजाति ‘आईआर8’ की 50वीं वर्षगांठ का जश्न मना रहा है. इसे जादुई चावल कहा जाता है, क्योंकि इसने दुनियाभर में लाखों लोगों को बचाया है. इसने एशिया और विशेषतौर पर भारत में भुखमरी की कगार पर खड़े लोगों के सामने एक विकल्प बनकर उनकी जिंदगी बचाई.
तमिलनाडु के किसान केएन गणेशन ने इस चावल की प्रजाति से बंपर फायदा उठाया, क्योंकि इसकी पैदावार तेज और अच्छी हुई. इस वजह से उन्होंने अपने एक बेटे का नाम ‘इरेतू’ रख दिया, जो कि वियतनाम में आईआर8 का तमिल अनुवाद है.

इसे एक किसान ने होंडा राइस के नाम से भी मशहूर कर दिया, जब इसी चावल की फसल से मुनाफा कमाकर वह होंडा मोटरबाइक खरीदने में कायमाब रहा.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244