कविता

“हाइकू”

जागो रे जागो

सबेरा तो हुआ है

लाली जगी है॥-1

कलरव है

परिंदों की डालियाँ

निशा सोई है॥-2

अलसाई है

बिस्तर पे सुबह

रात जगी है॥-3

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ