लघुकथा

नासूर

पिछले दो हफ्तों से चर्चा में रहा मनु सिंह के लापता होने का केस आज सुलझ गया. पुलिस को मनु का शव शहर के बाहर जंगल में पड़ा मिला.
मशहूर व्यापारी भुवन सिंह की इकलौती संतान मनु दो हफ्ते पहले अपने दोस्त की पार्टी से लौटते समय अचानक कहीं गायब हो गया था. इस हाई प्रोफाइल केस को लेकर मीडिया भी बहुत सक्रिय थी. पुलिस जांच में मनु की हत्या के तार उसकी सौतेली माँ से जुड़ने लगे.
मनु जब चार साल का था उसकी माँ का स्वर्गवास हो गया. भुवन सिंह उसकी मौसी रंजना को उसकी माँ बना कर ले आए. भुवन सिंह ने रंजना से ब्याह तो किया किंतु उसे पत्नी के रूप में स्वीकार नही कर पाए. मनु अकेला ना पड़ जाए इसलिए उन्होंने दूसरी संतान भी पैदा नही की.
पत्नी के देहांत के बाद भुवन सिंह को मनु की परवरिश की चिंता थी. अतः कर्ज़ में डूबे अपने ससुर की मदद इस शर्त पर करने को तैयार हो गए कि रंजना की शादी उससे कर दें. अपने पिता की खातिर रंजना अपने अरमानों को कुचल कर विवाह के लिए तैयार हो गई. इतने सालों से बिना किसी शिकायत के वह अपना फर्ज़ निभाती रही. किसी को भी उसके मन में पल रहे गुस्से का आभास तक नही हुआ. वह गुस्सा बढ़ते बढ़ते नासूर बन गया.
भुवन सिंह हतप्रभ देखते रह गए जब सबूतों की बिना पर पुलिस रंजना को गिरफ्तार कर ले गयी.

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है