सामाजिक

“One Indian Girl” पढ़ते हुए जाना “3 शहर,3 BF, मात्र 1 गर्ल”

तीन शहर , तीन बॉय फ्रेंड (दो X पर SEX और तीसरे अधूरी शादी की कदरन में) और ‘एक भारतीय लड़की’ की कहानी पढ़ा- ‘ONE INDIAN GIRL’
कहानी हकीकत को ढूंढ़ती एक भारतीय लड़की की इर्द-गिर्द बुनती हुई है । जो कि तीन देश के तीन नामी शहरों– न्यूयार्क, हांगकांग, लंदन की यादों में भूल-भुलैया में ‘हँसती-रोती-टूटती-जुटती’ और तीन अलग-अलग लड़कों में दो के साथ प्यार, सेक्स और तीसरे के साथ शादी हुई या न हुई …. के दरश को व्योह करती दिखती है ।
कहानी एक सप्ताह के दरम्यान घूमती हुई सालों पीछे की यादों को समेटती हुई ‘गोवा मैरियट’ से निकलकर ‘देश-विदेश’ की स्मृति-उपज यात्रा कर फिल्ज- कॉफ़ी, मेनलो-पार्क पर ख़त्म होती है या ख़त्म कर दी जाती है, क्योंकि ‘स्पेशल इंडियन गर्ल’ और अधिक उड़ने की लालसा में है, परन्तु लेखक हँसी भरे मोड़ पर ‘कलम को रोक’ ही देते हैं ।
लेखक वाकि उपन्यासकार ने भारतीय नारी की शर्मीली-स्थिति को बखूबी कागजी पन्नों में उकेरे हैं, लेकिन ‘फेमिनिज्म’ शब्द को अनोखी-रूप से भी नारीवादी दर्शन करा दी गयी हैं । कोई भारतीय नारी जब नया ड्रेस पहनती है और नए देश को जॉब करने जाती हैं, वह भी ‘गोल्डमान सॉक्स’ में तो…..तो अच्छे-अच्छों की पेंट गीली हो जाती है, सॉरी ‘पैंटी’ नहीं !!
‘ONE INDIAN GIRL’ सोचती है…..कहीं यह स्कर्ट बहुत टाईट तो नहीं ! …. कहीं मेरी पिछवाड़ा बहुत बड़ी तो नहीं दिख रही ! मेरे बाल ठीक तो है, न ! मेरे ‘बूब्स’ तो सही जगह है, न ! लेखक ने ‘मिनी-मी’ द्वारा इसे व्यक्त करते भी है ।
शहर तीन है, BF भी तीन है और मात्र एक इंडियन गर्ल, जब एक ही रिसोर्ट में हो और लड़की की अगले दिन शादी हो रही हों ! साश्चर्यता लिए एक लड़का शादी की शेरवानी में इन्तेजार कर रहा है, दूजे मैरिड-फंक्शन-रूम के गेट पर इन्तेजार कर रहा है और तीजे घुटनों के बल बैठकर लड़की की हाथ चूम कर कह रहा है ……
“MY BEAUTIFUL INDIAN PRINCESS , WILL YOU MARRY ME ?”
अब वह लड़की क्या करें, उसमें भी इंडियन गर्ल, तिस पर वो लड़की तीनों में से 2 के साथ FULL SEX एन्जॉय कर चुकी हैं और यहाँ तीसरे तो ऑफिशियल-सेक्स के लिए राजी तो कल तक हो जायेंगे…और तभी दूजे X-BF का फ़ोन आता है और भारतीय लड़की “राधिका मेहता = उम्र 27 वर्ष’ बिना CALLER ID देखें फ़ोन रिसीव करती है । अब लड़की क्या करे … ना करे ?
इसके लिए पढना पड़ेगा न, नावेल ‘ONE INDIAN GIRL’, तो मैंने भी पढ़ा । चेतन भाई ने कहानी को लच्छेदार बातों के साथ एक इंडियन गर्ल की ‘लव-पांइट’ से लेकर ‘सेक्स-पॉइंट’ तक जाकर जहाँ नारी की परिकल्पना को जोड़कर उन्हें समझने और समझाने की कोशिश की, वहीं लेखक ने पात्रा राधिका की माँ के साथ ‘शादी डॉट कॉम’ के माध्यम से काफी बड़ा अन्याय किये हैं कि जहाँ N.I.T ENGINEER के जीवन की सस्ता-सच्चाई को पेश किये हैं, वही बैंकर व्यक्ति की कामुक-छवि को बाहर लाएँ हैं । जहाँ दो बहनों के रिश्तों को समझलीन रखे गए हैं, तो देश-दुनिया को बहनों के रूप में जोड़ने के अनथक प्रयास भी की गई है ।
सच कहूँ तो यदि यह उपन्यास हिंदी (जो शायद बुकस्टॉल में आने की खबर है) में लिखी हाथ में आती तो सोने-पे-सुहागा होता, क्योंकि “ONE INDIAN GIRL” तो अधिकांशतः एक ग्रामीण/देहाती औरत भी होती है , जिन्हें अंग्रेजी से ज्यादा हिंदी पसंद है । लेखक चेतन भगत ने इस मामले में भूल कर दी !! अगर जासूसी विन्यास को हटा दिए जाय, तो सुरेन्द्र मोहन पाठक ही इस उपन्यास को बेहतर ढँग से लिख सकते थे !