कहीं
कहीं रुप है
कहीं रंग है
कहीं आस है
कहीं संग है॥
कहीं प्रेम है
कहीं क्षेम है
कहीं प्रयास है
कहीं खेद है॥
कहीं चाह है
कहीं राह है
कहीं उम्मीद है
कहीं आह है॥
कहीं क्लेश है
कहीं श्लेष है
कहीं दूरी है
कहीं संतोष है॥
कहीं अमन है
कहीं चमन है
कहीं शान्तिः है
कहीं मरन है॥
@रमेश कुमार सिंह /३१-०८-२०१६