कुण्डलिया छंद
बिल्ली, कुत्ते, लोमडी, खच्चर, गधे, सियार
सारे मिलकर करेंगे, पुनः शेर पर वार
पुनः शेर पर वार, देखिये फिर ठगबंधन
यूपी में इस बार, करो इनका अभिनंदन
कह सुरेश जैसे बिहार मे उडती खिल्ली
वैसे शेरों को घेरेंगे कुत्ते-बिल्ली ।।
टीपू भइया इस तरफ, उधर खडे शिवपाल
दो पाटन के बीच में, जनता होत हलाल
जनता होत हलाल, मुलायम पीटें माथा
बिन अतीक-मुख्तार, लिखेंगे कैसे गाथा
कह सुरेश ‘लोहिया जी’ करते ता-ता थइया
वा रे समाजवाद, वाह रे टीपू भइया ।।
— सुरेश मिश्र