छंद
छन्द- राधा (मापनीयुक्त वर्णिक)
वर्णिक मापनी – 2122 2122 2122 2
शारदे वंदना
————————————–
लक्ष्य कोई जिंदगी का आज दो माते
हो गई है मौन वीणा साज दो माते
हो कृपा जो आपकी तो ज्ञान मैं पाऊँ
आ विराजो कंठ में माँ गीत मैं गाऊँ ||१||
आपसे ही तो करूँ मैं आस ये मैया
आ पड़ा है द्वार देखो दास ये मैया
डूबती ही जा रही है सिंधु में नैया
आप ही हो जाइये हे मात खेवैया ||२||
साधना आराधना पूरी करो मेरी
शारदे ये व्याधियाँ सारी हरो मेरी
दान दे दो भक्ति का माँ द्वार आई हूँ
साथ श्रद्धा के सजा मैं फूल लाई हूँ ||३||
है अँधेरा घोर मैया हाथ दे देना
जिन्दगी की मुश्किलों में साथ दे देना
लेखनी को शारदे माँ धार दे देना
दास हूँ मैं आपका माँ प्यार दे देना ||४||
झोलियाँ खाली लिए मैं द्वार आई हूँ
आज छंदों के सजा मैं हार लाई हूँ
माँ बुराई से बचाना जिन्दगी मेरी
शारदे स्वीकार लो ये बंदगी मेरी ||५||
रमा प्रवीर वर्मा ….