शुभ हो नया साल…
सौंपकर अपनी सारी जिम्मेदारियां
दो हजार सत्रह को
अलविदा कह रहा हैं साल
दो हजार सोलह
देकर चंद जरूरी हिदायतें
शुभकामनायें भी अनगिनत कि
हो मंगलमय आने वाला नया समय
न आये कोई भी कठिनाई
जो हल हो न सके
मुस्कुराकर विदा कर रहा सत्रह
अपने उस जन्मदाता को
जिसने उसे नवजीवन दिया
हमें भी करना देखभाल इस नवजात की
जिसने अभी आँखें भी न खोली
महज़ वादा नहीं करना
न ही लेना झूठे संकल्प
बस, हरदम ये कोशिश करना
कि निर्धारित किये जो भी लक्ष्य इस हेतु
वो इसके अगले जन्मदिन तक पूर्ण हो
ये कोई असाध्य काम तो नहीं ।।
— डॉ इंदु सिंह ‘इंदुश्री’, नरसिंहपुर