पिरामिड
(1)
ये
मंच
प्रखर
ससाहित्य
नूतन रंग
शुद्ध परिधान
रचना नवरूपा॥
(2)
हैं
मित्र
सहज
मिलें जुलें
अपनापन
गलियाँ गलियाँ
उत्साह बढ़ाती है॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
(1)
ये
मंच
प्रखर
ससाहित्य
नूतन रंग
शुद्ध परिधान
रचना नवरूपा॥
(2)
हैं
मित्र
सहज
मिलें जुलें
अपनापन
गलियाँ गलियाँ
उत्साह बढ़ाती है॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी