संस्मरण

नभाटा ब्लॉग पर मेरे दो वर्ष – 20

फरवरी 2013 में मैंने अपने ब्लॉग पर अपने प्रिय विषय महाभारत पर एक लेख लिखा कि मैं यह जानना चाहता हूँ कि महाभारत युद्ध के लिए सबसे अधिक दोषी कौन था. मैंने इस विषय पर पाठकों की राय आमंत्रित की और विकल्प के लिए उनको आठ नाम दिए, क्रमशः धृतराष्ट्र, दुर्योधन, शकुनि, भीष्म, कर्ण, युधिष्ठिर, द्रोपदी, और द्रोणाचार्य. पाठक इनमें से किसी को अथवा अपनी दृष्टि में किसी अन्य को दोषी ठहरा सकते थे.

मुझे इस लेख पर अपनी आशा से अधिक कमेंट मिले. एक-दो लोगों ने इसको मजाक में भी लिया, लेकिन शेष सभी ने गंभीरता से अपनी राय दी. इस लेख पर डेढ़ सौ से भी अधिक कमेंट आये. उन कम्नेतों को पढना रोचक है. इस लेख का लिंक नीचे दे रहा हूँ.

महाभारत युद्ध के लिए दोषी कौन?

http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%AE%E0%A4%B9-%E0%A4%AD-%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%AF-%E0%A4%A6-%E0%A4%A7-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%8F-%E0%A4%A6-%E0%A4%B7-%E0%A4%95-%E0%A4%A8

सबकी राय आ जाने के बाद मैंने एक-एक करके सबके तर्कों का विश्लेषण किया जो चार भागों में था. टीवी पर आने वाले काउंट डाउन कर्यक्रमों की तर्ज़ पर मैंने सबसे कम दोषी के बारे में पहले विचार व्यक्त किया और फिर क्रमशः अधिक दोषियों के बारे में लिखा. मेरी सूची के आठ पत्रों के अलावा कुछ लोगों ने कृष्ण और विदुर को भी सीधे दोषी बताया था. इसलिए अपने विश्लेषण में मैंने इन दस व्यक्तियों की गहरे से चर्चा की, जो चार भागों में है. क्रमशः एक-एक भाग को पढना रोचक है. यहाँ मैं सभी का लिंक दे रहा हूँ.

महाभारत के लिए दोषी – 1

http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%AE%E0%A4%B9-%E0%A4%AD-%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%8F-%E0%A4%A6-%E0%A4%B7-1

महाभारत के लिए दोषी – 2

http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%AE%E0%A4%B9-%E0%A4%AD-%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%8F-%E0%A4%A6-%E0%A4%B7-2

महाभारत के लिए दोषी – 3

http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%AE%E0%A4%B9-%E0%A4%AD-%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%8F-%E0%A4%A6-%E0%A4%B7-3

महाभारत के लिए दोषी – 4

http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%AE%E0%A4%B9-%E0%A4%AD-%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%8F-%E0%A4%A6-%E0%A4%B7-4

अंत में निष्कर्ष रूप में यह निकला कि महाभारत युद्ध के लिए सबसे अधिक दोषी भीष्म थे. अंतिम लिंक वाले लेख में इसके कारण विस्तार से बताये गए हैं.

— विजय कुमार सिंघल

पौष शु. 10, सं 2073 वि. (8 जनवरी, 2017)

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: [email protected], प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- [email protected], [email protected]