“ईश्वर पर भरोसा रखे”
जय श्रीकृष्ण: 18-01-2017
“ईश्वर पर भरोसा रखे”
कुम्हार जब घड़ा बनाता है,
तो बाहर से तेज थपथपाता है और
अन्दर प्यार से सहलाता है.
एक सुन्दर मजबूत इन्सान बनने के लिए,
अपने कुम्हार (ईश्वर) पर भरोसा रखिए,
वो हमें टूटने नही देगा.
हमें भरोसा कहाँ से मिलता है?
मान लीजिए आप सड़क पर चले जा रहे हैं. मौसम देखकर लगता है कि तूफान आनेवाला है. फिर देखते-ही-देखते आसमान में काली घटाएँ छाने लगती हैं.बिजलियाँ कड़कने लगती हैं और बादलों की तेज़ गर्जन से कान फटने लगते हैं. और फिर मूसलाधार बारिश होने लगती है. आप यहाँ-वहाँ भागते हैं और सिर छिपाने की जगह ढूँढ़ते हैं.तभी आपको सड़क के किनारे एक घर नज़र आता है.यह एक मज़बूत मकान है, जिसमें आप आसरा लेकर तूफान से बच सकते हैं. इस मकान से मिलनेवाली सुरक्षा के लिए आप कितने आभारी होंगे.
आज हम भी मुसीबतों के तूफान में घिरे हुए हैं. दुनियाँ के हालात बद-से-बदतर होते जा रहे हैं. एक भरोसा एक आसरा है, जिसकी सुरक्षा में रहने से हमें ऐसा कोई नुकसान नहीं होगा, जिसकी भरपाई न की जा सके.
वह आसरा क्या है?
“अपने आप को परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो.”
जी हाँ, हमें परमेश्वर के प्रेम में बने रहना होगा, यानी अपने ईश्वर के साथ प्यार का एक मज़बूत रिश्ता कायम रखना होगा.तभी हम पक्का भरोसा रख सकते हैं कि वही हमारा शरणस्थान है.
मगर हम यह रिश्ता कैसे कायम कर सकते हैं?
परमेश्वर की कृपा को पहचानिए और उसके लिए अपने मन में भरोसा जगाना ही उससे प्रेम करना है .
भविष्य की हमारी इस आशाओँ को पूरा करने के लिए हम उसी के सामने तो हाथ जोडकर खड़े रहते है तो कहीं न कहीं दिल में भरोसा है की अब मेरी ये आशा ईश्वर ही पूरी कर सकते है .जब इच्छा पूर्ति के लिए उसे पुकारते है तो हर पल उसके सानिध्य में क्यों नही रह सकते .जिस दिन उसके सानिध्य से रिश्ता जुड़ जाएगा तो फिर कभी आपको इच्छा पूर्ति के लिए ऐसे उसके सामने खड़े रहने की आवश्यकता ही नही होगी .वो स्वयं आपकी इच्छा पूर्ण करता है .बस यही है ईश्वर पर भरोसा .