गणतंत्र
खंड खंड कर राज फिरंगी गणतंत्र मनाते हैं।
हम भारत माँ के लाल – तिरंगा फहराते हैं ।
देशभक्ति के नारों में भारत की गरिमा की है।
देश -विदेशी हर अधरों पे – तेरी महिमा है ।
सवा अरब जनता नित झुकती -शान तिरंगा है।
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम -जान तिरंगा है ।
उत्तर खड़ा हिमालय प्रहरी , बहती गंगा धारा है ।
कश्मीर जम्मू की महिमा, जनगण मन से प्यारा है ।
भारतवासी संग प्रवासी, विविध हैं भाषा भाषी ।
पंत निराला सूर जायसी , दिखे कबीर की साखी।