कविता

शहादत

मेरी छोटी सी कोशिश कैप्टंन अमित देशवाल
झज्जर हरियाणा
की शहादत को समर्पित

तेरी शहादत को
नमन तेरी हिमाकत को
नमन तेरी एक एक गोली को
नमन तेरी खेली होली को
नमन तेरे हर गीत को
नमन तेरी इस जीत को
नमन तिरंगे में लिपटे ताबूत को
नमन फौजी तेरे लहू सबूत को
नमन इक माँ के आँख से निकली बूँद को
नमन पिता के शब्दों की गूँज को
नमन गौरी की चिखती आवाजों को
नमन गाँव में बजते साजों को
नमन तेरी बचपन की तस्वीर को
नमन इस पावन भूमि की तकदीर को
नमन इस उमड़े सैलाब को
नमन शपथ लेती इस आग को
नमन इन छोटी छोटी गलियों को
नमन माँ ने रखी
तेरे लिए “इन गुड की डलियों ” को
नमन माँ के लाड दुलार को
नमन गौरी के उस प्यार को
नमन सबकी आँख से आते पानी को
नमन सबकी जुबाँ पर बैठी कहानी को
नमन तेरे इन तमगों को
नमन छाती पर लगे रंगों को
हे वीर सपूत नमन
तूँ अमर हो गया है
भारत माँ में मिलकर
नमन
एक और अमित निकलेगा
तेरी जलती लौ से खिलकर
नमन नतमस्तक नमन

प्रवीण माटी

नाम -प्रवीण माटी गाँव- नौरंगाबाद डाकघर-बामला,भिवानी 127021 हरियाणा मकान नं-100 9873845733