अजीब से हालात है
अजीब से हालात है मेरी जिंदगी के
दिन ढलता भी नहीं और रात होती हैं..
मुस्कुराना काफी नहीं है इस महफ़िल में,
यहां तो आंसुओ के जरिये बात होती है..
इश्क के बाजीगरों को रोते देखा है अकेला,,
इन तन्हाइयों से जब मुलाकात होती है..
लौट कर मत आना मेरी जिंदगी में
हर अंजाम पर एक शुरुआत होती है..
मैं हैरान था,परेशान था खामोश हवाओं के बावजूद,
क्यों ये शांत समन्दर तेरे कदमों की आहट पाकर हिल उठा था,
लोगो को ऐसे खबर हो गई तेरी मुहब्बत की ‘दवे’
उसके ज़िक्र भर से तेरा चेहरा खिल उठा था…..