कविता

हिन्दुतान की जय

जय हो हिन्दुस्तान की।।

विजयी हो भारत की संस्कृति धर्म सनातन मान की।। जिनके बलसे विश्व मंच पर हम पाते सम्मान हैं।

वे बलिदानी महापुरुष ही भारत की तो जान हैं।
राम,कृष्ण,की जय हो,जय हो बुद्ध महान की।।
जगमे सबसे उत्तम संस्कृति भारत देश महान की।
सत्य अहिंसा शांति प्रेम प्रियजैसे पुरुष महान की।
जय हो हिन्दुस्तान की।।
जिसके बल पर गौरव गाथा भारत की हम गाते हैं।
भूमण्डल के साथ सदा हम ब्रह्म ज्ञान बतलाते हैं।
गीता ज्ञान के दाता जय हो,जय हो वेद पुराण की।
गौतम तिय सीता सावित्री राधा प्रेम पुजारिन है।
सहे कष्ट द्रोपदी यहीं पर बहना कृष्ण की प्यारी है।
नारी को देवी जहां कहते,ऐसे देश महान की।।
गंगा यमुना जहां प्रवाहित जन की मुक्ति का द्वार है।
खड़ा हिमालय प्रहरी बनकर औषधि का भण्डार है।
रज ले सिंधु अथाह बन गया भारत देश महान की।।
जय हो हिन्दुस्तान की।।

डॉ. जय प्रकाश शुक्ल

एम ए (हिन्दी) शिक्षा विशारद आयुर्वेद रत्न यू एल सी जन्मतिथि 06 /10/1969 अध्यक्ष:- हवज्ञाम जनकल्याण संस्थान उत्तर प्रदेश भारत "रोजगार सृजन प्रशिक्षण" वेरोजगारी उन्मूलन सदस्यता अभियान सेमरहा,पोस्ट उधौली ,बाराबंकी उप्र पिन 225412 mob.no.9984540372