नूर से नज़्म बना प्यार का समुंदर है
नूर से नज़्म बना प्यार का समुंदर है ।
हार से जीत थी बदतर दिले सिकंदर है।
गीत लिखना सरल गीत गाना कठिन।
प्रीति करना सहज पर निभाना कठिन ।
दर्द काफ़िर दिए भावना तोड़कर ।
ज्ञान गंगा बहे मन सजाना कठिन । ।
— राजकिशोर मिश्र ‘राज’ प्रतापगढ़ी