जय-जय बजरंगी
जय-जय बजरंगी हम पर होना दयाल
करुणासागर करुणा करना हम पर होना कृपाल जय-जय बजरंगी—–
1. रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनिपुत्र पवनसुत नामा
तेरी महिमा का बजरंगी कोई न पाए पार जय-जय बजरंगी—–
2. दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
बिगड़े काम बनाओ कर दो खुशियों की झनकारजय-जय बजरंगी—–
3. नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा
रोग-शोक सब दूर हटाके दो चरणों का ध्यान जय-जय बजरंगी—–
4. संकट ते हनुमान छुड़ावै मन क्रम वचन ध्यान जो लावै
संकटमोचन संकट हरना बन जाना रखपाल जय-जय बजरंगी
5. तुम्हरै भजन राम को पावै जनम-जन्म के दुख बिसरावै
राम प्रभु के दरश करादो इतना करो उपकार जय-जय बजरंगी—–
(तर्ज़-मैय्याजी मेरी बेटी को रखना सदा खुशहाल—)