कविता

मैं हूँ कविता

मैं आज का ही नहीं
कल का भी हूँ
हजारों सालों से दबाये गये
असहाय जनता का स्वर हूँ
अक्षरों में प्राण
जन मानस का रूप
मैं हूँ कविता
दीन दुखी गाथा मैं
फटे-चीथडों में पला
असुंदर रूप हूँ मैं
हर बार शीश उठाकर
मानवता के पथ पर चलती
अपना अस्मिता दिखाती हूँ
कि मैं भी जीव हूँ
श्रम मेरा साथी है
सच्चाई का चेहरा मेरा
विजय का दरहास मेरा
गली-गली में
देश-विदेश में
इंसानियत को लेकर मैं चलती
मैं हूँ कविता

पी. रवींद्रनाथ

ओहदा : पाठशाला सहायक (हिंदी), शैक्षिक योग्यताएँ : एम .ए .(हिंदी,अंग्रेजी)., एम.फिल (हिंदी), सेट, पी.एच.डी. शोधार्थी एस.वी.यूनिवर्सिटी तिरूपति। कार्यस्थान। : जिला परिषत् उन्नत पाठशाला, वेंकटराजु पल्ले, चिट्वेल मंडल कड़पा जिला ,आँ.प्र.516110 प्रकाशित कृतियाँ : वेदना के शूल कविता संग्रह। विभिन्न पत्रिकाओं में दस से अधिक आलेख । प्रवृत्ति : कविता ,कहानी लिखना, तेलुगु और हिंदी में । डॉ.सर्वेपल्लि राधाकृष्णन राष्ट्रीय उत्तम अध्यापक पुरस्कार प्राप्त एवं नेशनल एक्शलेन्सी अवार्ड। वेदना के शूल कविता संग्रह के लिए सूरजपाल साहित्य सम्मान।