अपने आप में …
देखता हूँ…अपने आप में .. मेरे अंतरंग में भेद – अभेद मंगलकारी चेतना क्रांति का सौध शांति की सुषमा हर
Read Moreदेखता हूँ…अपने आप में .. मेरे अंतरंग में भेद – अभेद मंगलकारी चेतना क्रांति का सौध शांति की सुषमा हर
Read Moreगलत है, अनदेखा चलना बड़े-बूढों को, उनके कदमों को, दिल से सच्चे होते हैं वे अपने को एक जीव मानते
Read Moreसबकी जीवन गति एक जैसी नहीं होती गुज़रती है जिंदगी अपने – अपने विचार और अनुभवों के सहारे, अतीत का
Read Moreडरता हूँ मैंतुम से, तुम्हारी चेष्टाओं सेतुम भी डरते हो मुझ सेमेरी चेष्टाओं सेजग का सत्य हैएक दूसरे से डरनासत्य
Read Moreयह क्यों मेरे अंदर !आग है,जलाती है मुझे नित्यजहाँ विषमता है वहाँ तुरंतफूट निकल आती हैमेरे मुँह से विरोधी आवाज़बदले
Read Moreकई परिभाषाएँ आती हैंहमारे सामने जिंदगी कीअपने – अपने अनुभव सेनिकलता है निष्कर्ष निज केदेश, काल, ऋतु, परिस्थितियाँसिखाती हैं हमें
Read Moreहम लड़ते हैंअपने आप सेहम लड़ते हैंअपनों से, औरों सेकभी हार, कभी जीतअनुभव के बल परजिंदगी एक तालीम हैअंतिम सांस
Read Moreकहते हैं गर्व के साथ हमबुद्धिमान हैं सभी जीवों में सेअपनी चाल से अन्य जीवों कोअपने अधीन में लेने का
Read Moreकैद हो तुम, अंध विश्वासों के अधीन,वहीं, चार दीवारों के अंदर!कितने युगों तक, भ्रम में रहोगे!!यथार्थ से दूर, विविधता के
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