गीत
उद्गार मेरे, सुन प्राण प्रिये
इक गीत बना कर लाया हूँ
मैं तेरे लिये, सुन प्राण प्रिये।
ख्वाबों में तुझको बुलाता हूँ
सपनों में तुझको सजाता हूँ
दिन रात जलाये रखता हूँ
आँखों में तेरी चाहत के दिये
•••••सुन प्राण प्रिये।
कुछ खट्टी मीठी यादों को
सीने से लगाये रखता हूँ
और दिल में तुझसे मिलने की
जीता हूँ कोई उम्मीद लिये।
•••••सुन प्राण प्रिये।
इक चाहत दी जीने के लिये
कुछ दर्द दिये सीने के लिये
पर मूरख मन कब समझ सका
उपकार जो तूने मुझपे किये
•••••सुन प्राण प्रिये
कुछ रित-प्रीत के झंझट हैं
कुछ लोकलाज के संकट हैं
तुझको अपनाने निकला हूँ
आसान नहीं है यद्यपि ये।
•••••सुन प्राण प्रिये
इक गीत बना कर लाया हूँ
मै तेरे लिये, सुन प्राण प्रिये।