विनती
हे प्रभु विनती हमारी प्रेम से सुन लीजिए
दीजिए सद्बुद्धि हमको नाम की धुन दीजिए-
1.हम जहां में ज्ञान की किरणों को बिखराएं सदा
दीनजन के दुःख हटा सुख-सुमन छितराएं सदा
कामनाएं रखें कम ऐसा प्रभु गुण दीजिए-
2.हम गगन की लालिमा से प्यार ही सीखें सदा
हम घटा की कालिमा उपकार की समझें अदा
रंग हो कोई प्रभु हमें रंग अपना दीजिए-
3.स्नेह से सिंचित सरोवर स्नान उसमें हम करें
हो कृपा तेरी दयामय ध्यान तेरा हम धरें
आ गए हम पास तेरे शरण अपनी लीजिए-