गीत/नवगीत

विनती

हे प्रभु विनती हमारी प्रेम से सुन लीजिए
दीजिए सद्बुद्धि हमको नाम की धुन दीजिए-

 

1.हम जहां में ज्ञान की किरणों को बिखराएं सदा
दीनजन के दुःख हटा सुख-सुमन छितराएं सदा
कामनाएं रखें कम ऐसा प्रभु गुण दीजिए-

 

2.हम गगन की लालिमा से प्यार ही सीखें सदा
हम घटा की कालिमा उपकार की समझें अदा
रंग हो कोई प्रभु हमें रंग अपना दीजिए-

 

3.स्नेह से सिंचित सरोवर स्नान उसमें हम करें
हो कृपा तेरी दयामय ध्यान तेरा हम धरें
आ गए हम पास तेरे शरण अपनी लीजिए-

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244