ख़ुशी
जाने क्यों लगते सारे रिश्ते बेमानी है ।
जिंदगी रहनी है तन्हा- तन्हा ,
सिर्फ ख्वाबों में जिंदगी बितानी है ।
जिसको भी चाहा हद से ज्यादा ,
उससे ही ठोकर खानी है ।।
रिश्तों के झंझाबात में मिलती
सिर्फ एक वीरानी है ।
तप है जीवन आरती घर की गाथा है ,
मुश्किलों के दौर से खुद के लिए
सिर्फ एक ख़ुशी चुरानी है,
बस और बस एक ख़ुशी चुरानी है ।