प्रतीत है
प्राबल्य प्रेरणा प्रभा .. प्रजायी है प्रतीत है ,
तृषा ‘किशन’ त्रैकाल की .. प्रिया तू प्रेय प्रीत है !
— दामोदर कृष्ण भगत ‘किशन’
प्राबल्य प्रेरणा प्रभा .. प्रजायी है प्रतीत है ,
तृषा ‘किशन’ त्रैकाल की .. प्रिया तू प्रेय प्रीत है !
— दामोदर कृष्ण भगत ‘किशन’