खेलो ऐसी होली आज
आया होली का त्योहार, छाई रंगों की बहार,
आज धरती-गगन से भी, हुई प्रेम की झनकार.
होली का हुड़दंग है, बज रही मृदंग है,
जिधर नज़र जाती है अपनी, दिखते रंग-ही-रंग हैं.
रंग एकता का डालो, रंग डालो प्रेम का,
भेदभाव को दूर हटाओ, छेड़ो तराना प्रेम का.
भाईचारे का गुलाल, मौज-मस्ती का गुलाल,
रंग प्रीत का चढ़े, मिट जाएगा मलाल.
धैर्य-साहस का अबीर, क्षमा-दया का अबीर,
अत्याचार जो मिटाए, वही कहलाए वीर.
आई होली रंग-रंगीली, लेकर खुशियों का संदेश,
छोड़ो खून-खराबा प्यारे, वरना नहीं रहेगा देश.
खेलो ऐसी होली आज, जग में हो भारत की लाज,
भारत प्यारा देश बनाएं, ऐसी करें प्रतिज्ञा आज.