लघुकथा

सांझ

नदी के किनारे बैठे मनु ने देखा कि कुछ लोग सूखे हुए फूल प्रवाहित कर रहे हैं. यह फूल देव प्रतिमा पर चढ़ाए गए होंगे. मन ही मन उसने अपने जीवन की तुलना इन फूलों से की. कभी वह भी तो अपने कार्यक्षेत्र के चरम पर था. आज वह भी इन उतरे हुए फूलों की तरह है. लेकिन इन फूलों को कोई मलाल नही है. उन्होंने देव चरणों पर चढ़ कर जीवन का उद्देश्य पा लिया. उसके मन में भी संतुष्टि थी. उसने भी जीवन संपूर्णता में जिया था.

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है