गीत/नवगीत

साक्षरता बारहमासा दिसम्बर (क्रिसमस)

हे येशु हम तेरे बालक, जीवन धन सरसाओ                                                              756/9.7.95
हे पावनघन दाता हम पर, साक्षरता बरसाओ-

 

 

1.बाधाएं कितनी भी आएं, हंसते-हंसते पार करें
दुःख हो चाहे सुख हो दाता, समता से हम वार करें
लिखना-पढ़ना-गिनना दाता, हम सबको सिखलाओ
हे पावनघन दाता हम पर, साक्षरता बरसाओ-

 

 

2.विस्तृत नभ में मेरे दाता, तुम तारों के स्वामी हो
चमकाओ इक भाग्य-सितारा, तुम तो अंतर्यामी हो
कार्यकुशलता-जागरुकता से, सबको पथ दिखलाओ
हे पावनघन दाता हम पर, साक्षरता बरसाओ-

 

 

3.जल में थल में हर पल दाता, तुम ही रक्षा कर सकते
ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां न दामन भर सकते
साक्षरता-स्वाति की बूंद से, चातक को सरसाओ
हे पावनघन दाता हम पर, साक्षरता बरसाओ-

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244