शिशुगीत

कुल्फी

मां मुझको तो भूख लगी है,
पर रोटी का मूड नहीं है,
मैं तो कुल्फी ही खाऊंगा,
मैं तो बस कुल्फी खाऊंगा.
चाहे कुल्फी हो आरेंज,
याहो पिस्ते वाली कुल्फी,
चाहे कप हो या हो पार्लर,
चॉक बार हो, पर हो कुल्फी.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244