मुक्तक
तुम्हें क्या है पता मैं तो तुम्हें अपना बनाया था
नहीं कोई मिला मुझको तुझे पलकों पे सजाया था
तु इतनी दूर है मुझसे पर अभी भी नजर आती,
न था कोई अपना मेरा तुझे दिल में बसाया था।
_______रमेश कुमार सिंह ‘रुद्र’
तुम्हें क्या है पता मैं तो तुम्हें अपना बनाया था
नहीं कोई मिला मुझको तुझे पलकों पे सजाया था
तु इतनी दूर है मुझसे पर अभी भी नजर आती,
न था कोई अपना मेरा तुझे दिल में बसाया था।
_______रमेश कुमार सिंह ‘रुद्र’