गीत/नवगीत

सफलता की परिभाषा लिख दे

जीवन के कोरे कागज पर, कर्मों की गाथा लिख दे ;
विस्तृत नील गगन पर, सफलता की परिभाषा लिख दे।
शिखर ये सफलता की, कर रही तेरा आह्वाहन ;
विपत्तियों से लड़कर, बन कुशल-दिव्य-ज्योति-नूतन।
अब तोड़ अपनी निद्रा को, मन की अभिलाषा लिख दे ;
विस्तृत नील गगन पर, सफलता की परिभाषा लिख दे।
तू कायर है तो हार गया, निर्भय है तो रण मार गया ;
इन तूफानों से टकराकर, हिम्मत वाला उस पार गया।
पथ में जो विपदाएं आएं, उनके लिए निराशा लिख दे ;
विस्तृत नील गगन पर, सफलता की परिभाषा लिख दे।
प्रेम-विरत जो रह गए, उनको तू अनुराग दे;
जिनका जीवन तम में बीता, उनको तू चिराग दे।
दीन-दुःखी, निबलों-विकलों के प्रति आशा लिख दे;
विस्तृत नील गगन पर, सफलता की परिभाषा लिख दे।
जिसने अपने ममता के आंचल का तुझको छांव दिया ;
जो तुझे प्यारा लगा, वह घर दिया, वह गांव दिया।
उस मातृभूमि के चरणों में, तन-मन-धन सारा लिख दे ;
विस्तृत नील गगन पर, सफलता की परिभाषा लिख दे।
अनुराग कुमार

अनुराग कुमार

नाम- अनुराग कुमार (नवोदित कवि) सदस्य- भारतीय साहित्य उत्थान समिति विधा- श्रृंगार, ओज आदि। पद- राजस्व लेखपाल शिक्षा- बी०एस-सी० (गणित) जमतिथि-19/09/1994 पिता का नाम- श्री रामदास साहित्यिक उपलब्धि- कई समाचार पत्रों व साहित्यिक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। संगम नवांकुर सम्मान, युवा साहित्य सम्मान, मानव जागरूकता सम्मान, मुंशी प्रेमचंद स्मृति सम्मान। पता- ग्राम-सिसवा, पोस्ट-खुटहा बाजार, जिला- महाराजगंज पिन- 273303 उत्तर प्रदेश मो०न०-8004292135 Email: [email protected]