राजनीति

अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का विभाजन गलत

कल सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू् काश्मीर के अल्पसंख्यक के उपर दायर एक जनहित याचिका पे सुनवाई के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि जम्मू काश्मीर मे मुसलमानों की संख्या हिन्दुओ से कहीं ज्यादा है, और वहाँ के मुसलमानों को वो सारी सुविधाओं का लाभ एक लम्बे अरसो से मिल रही है जबकि वो सारी सुविधाओं का असल हकदार हिन्दू थे। हमारे देश की वोट की राजनीति ने मुसलमानों को अल्पसंख्यकों का कापीराईट दे दिया है।
एक अध्ययन के मुताबिक आने वाले सन् 2050 मे भारत मे हिन्दू की संख्या से कहीं ज्यादा मुसलमानों की संख्या हो जाऐगी और हिन्दू अल्पसंख्यक के श्रेणी मे आ जाऐंगे।
मै तो ये कहूँगा कि देश को अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के आधार पे न बाटे ब्लकि जो देश का कोई भी वर्ग आर्थिक रूप से पिछडा है सरकार उसके ऊत्थान के लिए समुचित कदम ऊठाऐ चाहे वो किसी भी जाति का या फिर किसी धर्म का हो उसे विकास की मुख्य थारा मे ले आवे।
यहाँ मेरा विरोध किसी जाति या धर्म से नहीं है। मेरा समर्थन सबका साथ सबका विकास से है।

मृदुल शरण