चाय पर ही चोट
ऑफिस ने कमाल कर डाला..
मेरे चाय पर ही चोट कर डाला…
वो चाय नही चौपाल है..
होती घर घर की बात है..
बता दी उसने मेरी औकात…
बंद कर दिए व्हाटस-एप वाले सारे प्यार..
मोबाइल भी अब चार्ज नही हो पाएगा…
लो बैट्ररी के साथ ही घर जाएगा….
अब कैसे होगी शाम..
जब बंद हो जाएगें एफबी(FB) के पैगाम..
आप ही बताओ ऑफिस में कैसे रह पाऊँगा..
स्मार्ट फोन ही साथ नही लाऊँगा |