कविता

सच बताओ

सच बताओ मेरे याद करने से तुमको हिचकिया आती तो होगी अकेले में जब मेरी याद आये तब थोड़ा सा मुस्कुराती तो होगी क्या मेरा दिल ही करता है बात करने को तुम्हे भी कुछ गुफ्तगू आती तो होगी दूर हो कर तो मै रोता हूँ सच बताओ तुम थोड़ा उदास होती तो होगी जब […]

कविता

जज्बात

खुद से खुद को समझाया है रोते दिल से भी तुम को हसाया है मेरी पहली मोह्हबत और आखरी दोस्त हो “तुम ” अगर देखने या छूने से ही होती मोह्हबत तो मीरा का श्याम न होता बिना दीदार भी कोई यार हो सकता है प्यार पहले से भी ज्यादा हर बार हो सकता है […]

कविता

यारा कोई बात नहीं

माना तुम सही हो पर में गलत तो नहीं यारा कोई बात नहीं तुम्हारे महफिल से रुस्वा हूँ ये सही तो नहीं यारा कोई बात नहीं तुम से शिकायत नहीं करता पर ऐसा नहीं तुम से कोई शिकायत नहीं यारा कोई बात नहीं रो-रो के जीने में क्या रखा है हॅसते हॅसते तुम पे मर […]

कविता

लिख देता हूँ

तुम से है मुहब्बत इसलिये तो लिख देता हूँ दिल में दबा कर कितना रखूं अपने जज्बात लिख देता हूँ इलज़ाम तुम ही लगाते हो इसीलिए अपने इरादे लिख देता हूँ बरसो छुपाया है अपनी मुहब्बत को इसीलिए हर बार अपने अरमान लिख देता हूँ बेबस दिल में जो आता है अपने मुहब्बत का गुनाह […]

कविता

बात उनसे नहीं करनी

बात उनसे नहीं करनी पर बात उनकी ही करनी है मिल जाते है कई लोग पर राह उसकी ही तकनी है साथ छोड़ना या छूट जाना ये किस्मत की बात है पर पल पल हर पल याद उसको ही करनी है वो कुछ बोले या कुछ सोचे ये तो उनका है अंदाज़ मगर सारी गलतियां […]

कविता

श्रद्धांजलि

राज्य है साम्राज्य है नहीं है तो वो स्वराज है ममता की मूरत थी करुणा की सागर थी शेरनी से दहाड़ती हिन्द की वो बेटी थी प्रखर वक्ता कुशल नेतृत्वा कुछ कर गुजरने की गजब की क्षमता स्वतंत्र भारत की वो सेनानी कर्तव्य पथ पर चलने की जो थी ठानी नहीं रही सुष्मा स्वराज हमारी

गीतिका/ग़ज़ल

पूछता हूँ

अपने दिल और दिमाग से पूछता हूँ अपना हाल अब अपने आप से पूछता हूँ क्यू अकेला हूँ इस भरी महफिल में ये सवाल में ,तुमसे पूछता हूँ तुमसे मिलना हर बार का आखरी तो नहीं फिर भी में क्यू जुदाई से डरता हूँ कहा क़त्ल हो गया मेरा ये पता नहीं ये तुमसे और […]

कविता

मेरी चाहत

चाँद तारो में ढ़ूँढ़ता हूँ तुम को पर हर बार मेरे दिल में ही मिलते हो क्या करुँगा नज़ारों को देख कर जब तुम को देख कर ही सकुन मिलता हो माना में नहीं हूँ तेरे काबिल पर प्यार तो “तुम” से ही करता हूँ जिंदगी का क्या है भरोसा एक दिन चली जाएगी पर […]

कविता

हो गया न्याय

कांग्रेस को लगा उनके न्याय का तमाचा हैं –(अब होगा न्याय – कांग्रेस का नारा) ७२००० दे कर भी ७२ सीट नहीं आ पाता हैं सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगने वाले को जनता ने ताबूत में डाला हैं इस बार राष्ट्रवाद जीता और देशद्रोह हारा हैं ७२००० दे कर भी ७२ सीट नहीं आ पाता […]

कविता

अपनी किस्मत

“तुम”, अपनी जिंदगी में खुश हो मेरा प्यार, सिसकीओ में जिन्दा है हर बार, बार बार अपने पे शर्मिंदा है मेरी चाहत, तुम्हारे इबादत से कम नहीं तुमको हमारी इबादत मंजूर नहीं कोस लेता हु, अपनी किस्मत को जिसको तुम्हारा प्यार नसीब नहीं