क्षणिका क्षणिका : हिन्दी *अंजु गुप्ता 12/04/2017 हिन्दी पर मेरी क्षणिका ****************** अजब परिहास कहलाए मातृभाषा फिर भी काट रही वनवास अंजु गुप्ता