तुमसे मिलकर हम यूँ ही मुस्कुराते रहें
तुमसे मिलकर हम यूँ ही मुस्कुराते रहें
तेरे दिल मे प्यार का दीप जलाते रहें
तुम नजर से दूर हुये तो क्या हुआ
तुम्हे अपने नजरो मे बसाते रहें
गर कभी रूठ भी जाते तो
पास जाकर तुम्हे हम मनाते रहें
तुमसे बिछड़कर भी हम दूर
तन्हा अपनी जिंदगी बिताते रहें
‘निव्या’ जब जब तेरे साथ होती
मिलकर दोनो प्रेम के गाते रहें ।
निवेदिता चतुर्वेदी ‘निव्या’