10.बापू
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
स्वतंत्रता के अथक पुजारी,
विश्ववंद्य हे प्यारे बापू,
सत्य-अहिंसा-प्रेम-सरलता,
जग को सिखाने आए बापू.
साक्षरता की जगमग ज्योति,
जग में जलाने आए बापू,
मानवता की ध्वजा-पताका,
फहराने आए थे बापू.
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
स्वतंत्रता के अथक पुजारी,
विश्ववंद्य हे प्यारे बापू,
सत्य-अहिंसा-प्रेम-सरलता,
जग को सिखाने आए बापू.
साक्षरता की जगमग ज्योति,
जग में जलाने आए बापू,
मानवता की ध्वजा-पताका,
फहराने आए थे बापू.