13.तभी दशहरा होता है
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
अंधकार से जीते उजाला,
तभी दशहरा होता है.
शांति की हो विजय नाद पर,
तभी दशहरा होता है.
प्रेम विजित हो जब ईर्ष्या पर,
तभी दशहरा होता है.
न्यायी जीते अन्यायी पर,
तभी दशहरा होता है.
बुद्धि सफलता प्राप्त करे जब,
तभी दशहरा होता है.
पाप-मुक्त हो धरा सुहानी,
तभी दशहरा होता है.