15.दीपक
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
प्रेम-प्यार का दीपक प्यारा,
जग-अंधियारा हरता है.
आंधी और तूफानों से भी,
तनिक नहीं यह डरता है.
खुद जलकर औरों को देता,
सुखदाई-तमहारी उजास.
इससे सीखें हरदम देना,
सबको सुखमय स्नेह-प्रकाश.
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
प्रेम-प्यार का दीपक प्यारा,
जग-अंधियारा हरता है.
आंधी और तूफानों से भी,
तनिक नहीं यह डरता है.
खुद जलकर औरों को देता,
सुखदाई-तमहारी उजास.
इससे सीखें हरदम देना,
सबको सुखमय स्नेह-प्रकाश.