17.मेरी प्यारी मां
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
माता मेरी सबसे प्यारी,
सारे जग से है वह न्यारी,
दुनिया में प्यारी मां जैसा,
कोई नहीं होता उपकारी.
खुद खाए या नहीं, कभी भी,
मुझे न भूखा रखती है,
मेरे मन की हर इच्छा को,
भरसक पूरा करती है.
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
माता मेरी सबसे प्यारी,
सारे जग से है वह न्यारी,
दुनिया में प्यारी मां जैसा,
कोई नहीं होता उपकारी.
खुद खाए या नहीं, कभी भी,
मुझे न भूखा रखती है,
मेरे मन की हर इच्छा को,
भरसक पूरा करती है.