31.वर्षा रानी
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
प्यास बढ़े जब धरती मां की,
आती वर्षा रानी,
धरती पर खुशहाली लाती,
धरती बने सुहानी.
दादुर-मोर-पपीहा बोले,
कूके कोयल काली,
अन्न-फल-फूल झूमें-नाचें,
मन हरती हरियाली.
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
प्यास बढ़े जब धरती मां की,
आती वर्षा रानी,
धरती पर खुशहाली लाती,
धरती बने सुहानी.
दादुर-मोर-पपीहा बोले,
कूके कोयल काली,
अन्न-फल-फूल झूमें-नाचें,
मन हरती हरियाली.