32.काले बादल
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
काले बादल, काले बादल,
घुमड़-घुमड़कर आए बादल,
छाया करते प्यारे बादल,
बादल हैं धरती का आंचल.
श्याम रंग मोहन से पाया,
राम से सुंदर मन है पाया,
बरसाकर नभ से रसधार,
करते निर्मल जग की काया.
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
काले बादल, काले बादल,
घुमड़-घुमड़कर आए बादल,
छाया करते प्यारे बादल,
बादल हैं धरती का आंचल.
श्याम रंग मोहन से पाया,
राम से सुंदर मन है पाया,
बरसाकर नभ से रसधार,
करते निर्मल जग की काया.