कविता

नोट की पाबंदी

पांच सो हजार की नोटों पे है पाबंदी,
बैंक ने की काली बाजारी ओ से संधि!
हमे पता चला है कि बूम ज्यादा है पड़ी,
लेकिन बैंक सिस्टम की समस्या हे खड़ी!
आसमा मे चाहे हो एक ही इंद्र,
देश में एक विवेकानंद दूजा मोदी नरेंद्र!
यह देश में सस्ते हो गई है ई बाइक,
नरेंद्र मोदी ने की है दो सर्जिकल स्ट्राइक!
एक स्ट्राइक से भागे हैं आतंक वादी,
दूसरी से लगान चोरी की बर्बादी!
यहा आया है चिंता लोगो के मन,
बहुत निकला है देश में काला धन!
देश में काला धन वाला है फसा,
देश विकाश का नारा है नशा!
चाहे हो गई नोट बन्दी पांच सो हजार,
दो हजार की नोटसे गरम हे बाजार!
चाहे हो चाय वाले के राजकीय अंकल,
सोना, हीरा और मिल गए नई नोट के बंडल!
अगर आप प्यार करते हो देश से,
व्यवहार करो सब केश लेस से!
देश में संसद हो गई है ठप,
विपक्ष अब तो राम माला जप!
अच्छा मार्ग अपनाया एसा लगता,
दो हजार की नोट में मोदी का वीडियो बजता!
यह देश में एक ही है नर बनका,
दुनिया में उसने बजा दिया है डंका!
देश में काला धन से भीड़ी हे जिसने बाथ,
गुलाब चंद जी सदा हे उनके साथ!

गुलाब चंद पटेल

गुलाब चन्द पटेल

अनुवादक लेखक कवि व्यसन मुक्ति अभियान प्रणेता गुलाबचन्द पटेल गांधीनगर मो,9904480753 वेब. vysanmukti.webnode.com ईमेल [email protected]