कहानी

अधूरा सच !

अनीता जल्दी जल्दी यूनिवर्सिटी के लिए तैयार हो रही थी कि अचानक मां ने अनीता के हाथ में दूध का गिलास थमा दिया और प्यार से सिर पर हाथ फेर कर कहा कि अपना ध्यान रखा करो बेटा, कभी अपने लिए भी जी। ठहर जा अब !इतना मत भाग मुंह मोड़ कर ज़िन्दगी से , औहो … मां तुम फिर शुरु हो गई मुझे देर हो रही है आधा गिलास पीकर जल्दी गिलास मां के हाथ में थमाकर अनीता कमरे से निकल गई।
पता नहीं क्या हुआ फिर जाते जाते मुड़ कर आई और मां को गले लगाकर कहा, मां तुम मेरी चिन्ता छोड़ दो। बाकि बहनो के बारे मे सोचो। पर, मां तो मां होती है उसे तो हर बच्चे की फिक्र होती है । अनीता की चार बहने थी अनीता से दो बड़ी बहनो की शादी हो चुकी थी बारी तो अनीता की थी और अनीता की उम्र भी हो रही थी। अनीता सांवले रंग की थी और बहुत ही साधारण बनी रहती थी बस समाज सेवा मे लगी रहती थी। यूनिवर्सिटी मे प्रोफेसर थी, अपने आप पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी। छोटी बहनो के रिशते तो आ रहे थे पर जब तक अनीता की शादी नहीं होती तो मां उनकी नहीं करना चाहती थी कि अनीता को कैसा लगेगा .. पर अनीता को कोई हर्ज नहीं था। बस मां की जिद्द थी , और अनीता की कहीं बात पक्की नहीं हो रही थी, वहीं उन दिनो यूनिवर्सिटी मे एक प्रोफेसर आए थे वो नेपाल के रहने वाले थे देखने मे बड़े ही आकर्षक और अच्छे वयक्तित्व के थे। जल्दी ही अनीता और अजय में बात होने लगी थी , दोनो के विचार काफी बातों में मिलते जुलते थे। काफी देर तक बात होती थी अजय भी समाज सेवी थे। देखते देखते एक साल बीत गया था अब वो दोनो एक दूसरे को पसंद भी करने लगे थे , सब को पता चल गया था कि अनीता और अजय एक दूसरे को पसंद करते हैं ,मां की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा कि अनीता की ज़िन्दगी मे भी देर से ही सही खुशियां तो आईं , फिर एक दिन अनीता के पापा बीमार थे तो अजय घर पर पता लेने आए और बातों बातों में अनीता के घर वालों ने अजय की इच्छा पूछी उसको भी रिशता मंजूर था बस अब शादी की तारीख पक्की करनी रह गई थी अजय ने कहा कि वो अनीता को शादी कर के ले जाता है और फिर अपने घर वालों से मिला देगा , बात तो उसने कर दी है घर में, पर अनीता के घर वाले अजय के घरवालों से बात करना चाहते थे उनकी राय भी जानना चाहते थे ऐसे कैसे वो भेज देते अंजान जगह, फिर कुछ दिन बाद अजय अचानक नेपाल चला गया, जब अजय का कोई जबाब नहीं आया तो अनीता ने अजय के द्वारा दिए फोन नं० पर फोन किया तो पता चला कि अजय ने तो कोई बात नहीं की शादी के बारे में और वहां नेपाल में ही है। दो तीन महीने के बाद ही भारत आएगा और बहुत पूछने पर यह पता चला कि उसकी तो शादी हो चुकी है और वो अपनी पत्नि को लेने अपने ससुराल गया है जो नेपाल में ही हैं , अनीता से पूछने पर अनीता ने कहा कि मैं यूनिवर्सिटी से किसी काम के लिए पूछना चाहती थी। अनीता के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई थी इतना मासूम सा दिखने वाला अजय इतना बड़ा सच छुपा रहा था अनीता से, अनीता को तो अधूरा सच पता था। वो बहुत दिन रोती रही , पर मां ने अपने आप को संभालते हुए अनीता को भी समझाया बेटा, शुक्र करो कि पहले पता चल गया। अगर शादी करा के नेपाल चली जाती तो कितना रोती पूरा सच जानकर! समय तो लगेगा पर वक्त हर घाव भर देता है पर अनीता सोच रही थी कि आखिर अजय ने इतना बड़ा सच क्यों छुपाया,क्यों प्यार का नाटक किया और धोखा दिया !

कामनी गुप्ता***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |